मनपा में पदोन्नति व नियुक्ति में अनियमिताएं!


उल्हासनगर - वर्षों से मनपा के खाली पदों को भरने अर्थात राज्य सरकार के संबंधित महकमे से नई भर्ती की मंजूरी न मिलने के कारण जो है उसी में काम चलाने की कोशिश मनपा आयुक्त द्वारा की जा रही है, लेकिन इस कारण अनेक अयोग्य व जूनियर स्टॉफ पदोन्नति पा रहे हैं. इसी में मनपा के एक अधिकारी मनीष हिवरे का भी समावेश है.


मनपा के कर्मचारियों का नेतृत्व करने वाली यूनियनें  मनपा प्रशासन की इस नीति का समय-समय पर विरोध करती रहती है. जानकारी के अनुसार मनपा में क्लास १ व २ के ६० फीसदी से भी अधिक पद रिक्त है. इसी के चलते मनपा आयुक्त ने हाल ही में मनपा की सेवा से सेवानिवृत्त हुए नगर रचनाकार मिलिंद सोनावणी तथा मनपा से रिटायर्ड हुए मनपा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजा रिजवानी को पुनः ६-६ महीने के लिए चयनीत किया है. इसी क्रम में मनपा अधिकारी मनीष हिवरे का नाम लिया जा रहा है. स्टोर व सामान्य प्रशासन विभाग  के प्रमुख के पद पर काम कर रहे मनीष हिवरे को अब सीधे सहायक सार्वजनकि स्वास्थ्य अधिकारी के रूप में नियुक्त किया है. मनपा गलियारे में चर्चा है कि मनीष हिवरे की नियुक्ति करने में अनियमितताएं बरती गई हैं. जिस पद पर हिवरे को रखा गया है उस पद के लिए मनपा के कई मुख्य स्वच्छता निरीक्षक प्रतीक्षा सूची में है. उन्हें मुख्य स्वच्छता निरिक्षक के पद पर ५ साल काम करने का अनुभव भी नहीं है, जो अनिवार्य है. वहीं हिवरे को जिस पद पर पदोन्नत किया गया है  उस पद पर नियुक्त किए गए अधिकारी का स्नातक होना जरूरी है जबकि कामगार नेता चरण सिंह टांक का आरोप वह कक्षा १२वीं तक ही पढ़ा है.


 


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