उद्धार के इंतजार में शहर के फुटपाथ

मंथन संवाददाता/ठाणे


ठाणे शहर का विकास तो हो रहा है, लकिन शहर की सुंदरता की अनदेखी हो रही है। बदहाल फुटपाथों ने तो शहर का चेहरा बदरूप बना दिया है। विकास के नाम पर पानी की तरह पैसे बहाए जा रहे हैं। इसको लेकर प्रशासनिक स्तर पर कोई विशेष पहल नहीं हो रही है। वरिष्ठ नगरसेवक नरेश मणेरा ने कहा है कि प्रशासन मामले को गंभीरता से लें। क्योंकि शहर के फुटपाथों की हलात दयनीय बन चुकी है। एक ओर ठाणे शहर को स्मार्ट सिटी बनाने की तैयारी चल रही है। युद्धस्तर पर काम किया जा रहा है। लेकिन शहर के फुटपाथों की क्या स्थिति है, बताने की अधिक आश्यकता नहीं है। जरुरत इस बात की है कि मनपा प्रशासन योजना बनाकर फटपाथों के कायाकल्प का अभियान शुरू करे। फुटपाथ सुधार इंतजार में शहर योजना के तहत आकर्षक पद्धति का टाईल्स, लादी और रंगीन पेव्हर ब्रॉक लगाए जाने की आवश्यकता है।



मणेरा का कहना है कि यदि अपने देश के अन्य का कहना है कि यदि अपने देश के अन्य राज्यों के महानगरों के नागरिक या फिर विदेशी ठाणे शहर आएंगे तो वे फूटपाथों का स्थिति को देखकर उनका दिल भी दुखेगा। वैसे फुटपाथों का निर्माण तो नागरिकों के चलने के लिए किया जाता है, लेकिन उस पर निकले गड़े घातक बने हुए हैं। फटपाथों पर जो ढक्कन लगा होना चाहिए वह खुला रहता है। कभी-कभी तो लोग खुले नालों या फिर गटर में गिर भी जाते हैं। शहर के फुटफार्थों को अवैध अतिक्रमण से मुक्त कराना भी प्रशासनिक दायित्व है। अवैध हॉकरों ने तो फुटपथों पर कब्जा जमा लिया है। प्रशासनिक कार्रवाई केवल कागजी होती है। जिस कारण वरिष्ठ नागरिक, गर्भवती महिलाएं तथा बच्चे इन फुटपाथों का उपयोग तक नहीं कर पाते हैं। जरुरत इस बात की है कि फुटपाथ सुधार योजना के तहत मनपा प्रशासन शहर के तमाम फूटपाथों का कायाकल्प करे। इससे स्मार्ट सिटी की वैधता को भी बल मिलेगा। इसके साथ ही फटपाथों को समतल बनाया जाना चाहिए।


इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

शिवशांति प्रतिष्ठान द्वारा मनाया गया महाशिवरात्रि का पावन पर्व

ध्वनि और जयकारों से पूरा इलाका हुआ शिवमय

रामभाऊ म्हाळगी व्याख्यानमाला के आधारस्तंभ अच्यूतराव वैद्य का निधन