प्रशासक की मनमानी से नाममात्र के जनप्रतिनिधि

अंबरनाथ  - कोरोना के कारण अंबरनाथ व कुलगांव नपा के प्रस्तावित आम चुनाव अप्रैल में नहीं हो सके. इन दोनों नपा के नगरसेवकों का पांच साल का कार्यकाल १७ मई  को समाप्त हो चुका है, इस कारण १९ मई से अंबरनाथ एवं बदलापुर नपा में सरकार द्वारा प्रशासक की नियुक्ति की गई है. इन शहरों में जनप्रतिनिधि न होने के कारण सर्व सामान्य जनता को कोरोना के दौर में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. अब कुछ लोगों की मांग है कि जब तक नपा के   चुनाव नहीं हो जाते तब तक जिनका कार्यकाल खत्म हो चुका है उनको कुछ अधिकार देने की मांग होने लगी है. कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण राज्य सरकार और चुनाव आयोग ने चुनाव अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया है. इन दोनों शहरों में प्रशासन द्वारा काम किया जा रहा है.



उप विभागीय अधिकारी उल्हासनगर जगतसिंग गिरासे के पास  अंबरनाथ और बदलापुर नपा का चार्ज है. दोनों ‘अ’  वर्ग की  नगरपालिकाए हैं तथा दोनों में पर्याप्त मात्रा में कर्मचारी है. हालांकि चूंकि दोनों स्थानों पर प्रशासक हैं और जनप्रतिनिधि केवल नाममात्र के हैं. उनके पास कोई अधिकार नहीं है और इसका लाभ उठाते हुए कुछ अधिकारी और कर्मचारी काम में देरी कर रहे हैं. साधारण नागरिकों के पास नगरपालिका प्रशासन के काम का प्रत्यक्ष अनुभव नहीं है और यहां तक ​​कि नगरसेवकों के पास पिछले कुछ दिनों से अधिकार भी नहीं है. इसलिए नपा  प्रशासन और नगरसेवकों के बीच समन्वय  नहीं बन पा रहा है, कुछ अधिकारी और कर्मचारी तकनीकी मुद्दों का लाभ उङ्गा रहे हैं और निवर्तमान नगरसेवकों के साथ नहीं आ रहे हैं


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