प्रतिनिधित्व के बिना नहीं हो रहा अंबरनाथ का विकास
मंथन संवाददाता
अंबरनाथ - इसी महीने की राज्यपाल द्वारा विधान परिषद के सदस्यों की नियुक्ति होने जा रही है. इसलिए भाजपा, शिवसेना, कांग्रेस व राकां जैसे प्रमूख राजनीतिक दलों में इन चुनाव को लेकर हलचल तेज हो गई है. इन चुनावो में इस बार अंबरनाथ से किसी शिवसैनिक को मौका मिले इस तरह की चर्चा अब शहर में जोरों से शुरू है.
महाराष्ट्र में विधानसभा अस्तित्व में आने के समय से आज तक अंबरनाथ शहर के किसी भी व्यक्ति को विधान परिषद का सदस्य बनने का अवसर प्राप्त नहीं हुआ है. विगत ७ से ८ वर्षों से ठाणे जिले की राजनीति में कुछ भी चमत्कार कर दिखाने की क्षमता रखने वाले जिले के पालकमंत्री एकनाथ शिंदे पर अब सभी की निगाहें लगी है कि उनके माध्यम से अबकी बार शहर के किसी शिवसैनिक आ पदाधिकारी की विधान परिषद के लिए लॉटरी लगती है.
ठाणे के बाद कल्याण-डोंबिवली को यह भाग्य प्राप्त हो चुका है, पुरातन कालीन शिवमंदिर के कारण अंबरनाथ नगर का अपना लगभग १ हजार वर्ष का इतिहास है. वहीं औधोगिक क्षेत्र के मामले में भी अंबरनाथ आसपास के शहरों की तुलना में ९० साल का इतिहास है. इस सभी के कारण विधान परिषद के चुनाव को लेकर शहर में जोरदार चर्चा है कि यदि सब कुछ ठीक रहा तो इस बार मातोश्री के माध्यम से पालकमंत्री एकनाथ शिंदे अंबरनाथ के लिए कुछ नया कर दिखा सकते है व अपने पक्ष में से किसी को विधान परिषद भेजकर इस शहर को विधान परिषद के सदन में प्रतिनिधित्व करने मौका प्रदान कर सकते है.