शुक्ल की ताकत रही है सामाजिक निष्ठा
शुक्ल की ताकत रही है सामाजिक निष्ठा
ठाणे। प्रेम शुक्ल को भाजपा का राष्ट्रीय प्रवक्ता नियुक्त किए जाने से हिंदी भाषी और उत्तर भारतीय समाज में उल्लास का वातावरण है । वैसे भी प्रेम शुक्ल सदैव उत्तर भारतीय समाज के प्रतिबिंब के तौर पर माने जाते रहे हैं । यह नियुक्ति इस समाज के लिए गौरवपूर्ण उपलब्धि है।शुक्ल का लगातार उत्तर भारतीय सामाजिक हस्तियों द्वारा सत्कार किए जाने के साथ ही उन्हें बधाइयां भी दी जा रही है। इसी क्रम में उत्तर भारतीय उद्योगपति सुरेंद्र उपाध्याय की अगुवाई में उत्तर भारतीय शिष्टमंडल ने प्रेम शुक्ल से मुलाकात कर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाए जाने पर शुभकामनाएं दी। शिष्टमंडल में उत्तर भारतीय समाज की हस्तियां संतोष तिवारी, मुन्ना पाठक और सूर्य प्रकाश मिश्रा जी शामिल थे। सुरेंद्र उपाध्याय ने कहा कि सामाजिक स्तर पर शुक्ल की नियुक्ति इस समाज के लिए गौरव की घड़ी है। निश्चित तौर पर प्रेम शुक्ला को भाजपा का राष्ट्रीय प्रवक्ता नियुक्त किए जाने से इस समाज को गौरवपूर्ण उपलब्धि हासिल हुई है । इस सत्य से इनकार नहीं किया जा सकता है।
भले ही यह नियुक्ति राजनीतिक हो, लेकिन शुक्ल उत्तर भारतीय समाज का एक ऐसा चेहरा रहे हैं जिन्होंने सदैव इस समाज के लिए काम किया है । शुक्ल चाहे किसी भी राजनीतिक दल से जुड़े रहे हो, लेकिन उनकी सामाजिक निष्ठा को कभी भी और किसी भी स्तर पर चुनौती नहीं दी जा सकती है । सुरेंद्र उपाध्याय ने कहा कि जब भी उत्तर भारतीय समाज के हित की बात आई है तो उन्होंने किसी की परवाह न करते हुए काम किए हैं । चाहे समाज हित की बात हो या सामाजिक संरक्षण की उन्होंने सदैव समाज को ही अपनी ताकत माना है। अपनी उपरोक्त भावनाओं को व्यक्त करते हुए उद्योगपति सुरेंद्र उपाध्याय ने आशा व्यक्त की कि प्रेम शुक्ला को भाजपा का राष्ट्रीय प्रवक्ता नियुक्त किया जाना उत्तर भारतीय समाज के लिए भी राष्ट्रीय उपलब्धि से कम नहीं है । भले ही राजनीतिक स्तर पर वे भाजपा के साथ जुड़े हैं, लेकिन उनका सामाजिक जुड़ाव कभी भी परिवर्तित या विचलित नहीं हुआ है। किसी भी तरह की बाधाएं आए उन्होंने सदैव सामाजिक स्तर पर अपना अपेक्षित योगदान गया है ,जो समाज के लिए गौरव की बात रही है। अपनी विचारधारा पर सदैव अटल रहने वाले शुक्ल से समाज को आगे भी बड़ी अपेक्षाएं हैं।
इसी के साथ सुखविंदर उनके प्रति भी अपना विशेष आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तर भारतीय समाज में ही उनके वास्तविक अस्तित्व की कुंजी सन्निहित है।