टक्केवारी की चपेट में सडकें हुई गड्ढामय
टक्केवारी की चपेट में सडकें हुई गड्ढामय
ठाणे। ठाणे शहर की सड़कों की बुरी स्थिति टक्केवारी के कारण ही बनी है ।इस मामले को हर स्तर पर गंभीरता से लिया जाना चाहिए ।नई निर्मित सड़कों का बुरा हाल होना चिंता का विषय है । इन बातों का जिक्र करते हुए भाजपा विधायक संजय केलकर ने आरोप लगाया है कि ठाणे शहर में जितनी भी सड़कें बनी है उस में बड़े पैमाने पर टक्केवारी की प्रणाली अपनाई गई है । जिस कारण सडके घटिया दर्जे की बनाई गई है । उन्होंने मांग की है कि सड़क मरम्मत के नाम पर जो राशि खर्च की गई है उसको लेकर श्वेत पत्र जारी किया जाए।
विधायक केलकर ने सीधा आरोप लगाया कि ठाणे शहर मैं सड़कों की मरम्मत का काम ठाणे महानगरपालिका और एमएसआरडीसी द्वारा हर वर्ष की जाती है । इस मद में करोड़ों की रकम खर्च हो जाने के बाद भी सड़कों को गड्ढों से मुक्ति नहीं मिलती है । इससे साफ जाहिर है कि यह सडके टक्केवारी की बलि चल रही है । प्रशासनिक और राजनीतिक सांठगांठ के कारण ही यह घपला किया जा रहा है। उन्होंने मांग की है कि इसको लेकर श्वेत पत्र लाया जाए। केलकर ने एक कदम आगे जाकर इस बात का सार्वजनिक खुलासा भी किया है कि सड़क मरम्मत के कामों का संचालन एक संगठित गिरोह द्वारा किया जा रहा है । और यह गिरोह ही आपसी टक्केवारी का निर्धारण करता है । जिस कारण रोडो की यह स्थिति देखने को मिल रही हैं।
केलकर का कहना था कि पालक मंत्री एकनाथ शिंदे बार-बार गड्ढे का दौरा करते हैं । गत 5 वर्षों के दौरान जिले के पालक मंत्री और राज्य के एम एस आर डी सी के मंत्री रहते हुए उन्होंने कितने कामचोर ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई की है । या उनका नाम काली सूची में डाला गया है । इस बात का भी खुलासा उनकी ओर से किया जाना चाहिए । हर साल यही स्थिति देखी जा रही है। रोड मरम्मत के नाम पर पैसा को पानी की तरह बहाया जा रहा है लेकिन आम नागरिकों को को गड्ढों के कारण मौतों और दुर्घटनाओं का उपहार मिल रहा है । केलकर ने कहा है कि यह चिंता की स्थिति है। इसके साथ ही केलकर ने मांग की है कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रारूप भी तैयार किया जाना चाहिए ।इस संदर्भ में किसी भी तरह का काम नहीं किया जा रहा है। जो चिंता का विषय है।