शिवसेना पर दिवा के लोगों का नहीं रहा भरोसा
शिवसेना पर दिवा के लोगों का नहीं रहा भरोसा
भाजपा उपाध्यक्ष निलेश पाटिल का आरोप
ठाणे। कई सालों से दिवा को डंपिंग ग्राउंड के अभिशाप से मुक्ति दिलाने का वादा ठाणे मनपा में सत्तासीन शिवसेना करती आ गई है। लेकिन उसका आज तक कुछ भी परिणाम नहीं निकला । इस समय भी दिवा के लोग डंपिंग की पीड़ा को झेलने के लिए विवश हो रहे हैं । इन बातों का जिक्र करते हुए भाजपा के ठाणे शहर जिला उपाध्यक्ष निलेश पाटील का कहना है कि दीवा के लोगों को शिवसेना पर किसी तरह का भरोसा नहीं रहा है।
विदित हो कि शिवसेना की कारगुजारीयों के कारण ही दिवा को डंपिंग ग्राउंड बना दिया गया है। डंपिंग ग्राउंड के कारण यहां के लाखों लोग परेशानी झेलने को विवश है । डंपिंग ग्राउंड की चपेट में आकर लोग कई तरह की बीमारियों से प्रभावित होते रहे हैं। लेकिन इनकी चिंता शिवसेना और शिवसैनिकों को नहीं रही है। जिस कारण यहां डंपिंग ग्राउंड को बंद करने को लेकर सत्ताधारी दल शिवसेना कोई निर्णय नहीं ले पाई है । इन बातों का जिक्र करते हुए पाटिल ने कहा कि एक बार फिर शिवसैनिकों ने डंपिंग ग्राउंड को लेकर स्टंटबाजी शुरू कर दी है। लेकिन दिवा के लोगों को स्टंटबाजी नहीं बल्कि एक्शन चाहिए। जो कि संभव नहीं प्रतीत हो रहा है। निलेश पाटिल का कहना है कि डंपिंग ग्राउंड को लेकर एक बार फिर दिवा शिवसैनिकों ने बैनरबाजी शुरू कर दी है । लेकिन बैनरबाजी से इस समस्या का समाधान संभव नहीं है । उन्होंने उन्होंने कहा कि यदि इतनी वाहवाही लूटनी है तो सबसे पहले डंपिंग ग्राउंड को बंद करें। काम किया गया नहीं , लेकिन शिवसैनिकों में श्रेय लेने की होड़ मच गई है । जो चिंता का विषय है । जबकि स्थानीय नागरिकों को इस समस्या से मुक्ति चाहिए । दुख की बात है कि शिवसैनिक समस्याओं का समाधान नहीं कर टालमटोल ही कर रहे हैं। उन बातों का जिक्र करते हुए निलेश पाटिल ने कहा है कि अब यह स्टंटबाजी चलने वाली नहीं है। स्वयं यहां की जनता शिवसेना की पोल खोल करेगी। उन्होंने कहा कि दिवा के लोगों को गत ठाणे मनपा के तीन चुनावों में हर बार आश्वासन दिया गया कि डंपिंग ग्राउंड बंद कर दिया जाएगा । लेकिन चुनाव जीतने के बाद शिवसेना और शिवसैनिक अपने वादे ही भूल जाते हैं। एक बार फिर यही होने जा रहा है । जैसे ही ठाणे मनपा का चुनाव नजदीक आया है शिव सैनिकों ने डंपिंग ग्राउंड बंद कराने का राग अलापने का काम शुरू कर दिया है लेकिन इस बार दिवा की जनता उनके बहकावे में आने वाली नहीं है। पुणे एक्शन चाहिए आश्वासन नहीं।