वसई पूर्व में मना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मकर संक्रांति उत्सव

 वसई पूर्व में मना  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का 

मकर  संक्रांति उत्सव       

हिंदू कैलेंडर के अनुसार मकर संक्रांति का त्यौहार हर वर्ष परंपरागत रूप से 14 जनवरी को मनाया जाता है। हर वर्ष पौष मास में जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है तभी इस पर्व को मनाया जाता है।


वसई पूर्व  के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने रविवार  को स्थानीय वसंत नगरी के विशाल   मैदान में मकर संक्रांति का उत्सव मनाया। इस अवसर पर मुख्य बौद्धिक कत्र्ता वरिष्ठ स्वयं सेवक श्री रामानुजम जी  ने बताया कि संघ में कुल छह उत्सव मनाने की परंपरा रही है जिनमे से से मकर संक्रांति भी एक है। इसका उद्देश्य है सम्यक क्रांति एवं संगठन का भाव निर्माण करना। उन्होंने कहा कि मकर संक्रांति का खगोलीय महत्व भी है। आज के दिन ही सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण की ओर प्रवेश करते हैं। यह त्योहार भारतीय कृषि व्यवस्था से भी जुड़ा हुआ है। इस दिन हम लोग नई फसलों से प्राप्त अन्नगुड़तिलतेल इत्यादि का सेवन करते हैं। इस त्योहार का एक प्रमुख उद्देश्य लोगों को आपस में जोड़ना भी है। यह समरसता का त्योहार है। दक्षिण भारत में यह पोंगलउत्तर भारत में मकर संक्रांतिगुजरात में लोहड़ी के नाम से जाना जाता है। इस दिन पतंग उड़ाने की परंपरा रही है। तिल उष्णता का प्रतीक है जिसके दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती हैऐसी मान्यता है। स्कंद पुराण के दसवें खंड में भी इस त्योहार की चर्चा है। इस अवसर पर मंचासीन अधिकारियों में माननीय विभाग संघचालक संतोष नायर , कार्यवाहक मगन चौधरी  भी मौजूद थे। कार्यक्रम का समापन नगर शारीरिक प्रमुख ने लिया। सामूहिक गीत  जवान्मल ने गाया। एकल गीत    ओजस जोशी जी ने गाया। अमृत वचन  मोडसिंह जी ने कहा। सुभाषित मंदर जी  ने प्रस्तुत किया। प्रार्थना रामनारायण तिवारी जी ने की | इस अवसर वसई भाजपा मंत्री अखिलेश मिश्रा   उपस्थित थे।कार्यक्रम  के अंत में गरीब व आदिवासी बस्ती में तिल गुड़ का वितरण किया गया |

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